जाति और धर्म से ऊपर उठकर शाहिद रजा की है पहचान जनता हो रहे हैं गोरबंद

जाति और धर्म से ऊपर उठकर शाहिद रजा की है पहचान जनता हो रहे हैं गोरबंदपूर्णिया संवाददाता/ पूर्णिय, नगर निगम चुनाव कि तिथि निर्धारित होते ही पूर्णिया नगर निगम क्षेत्र में सियासी हलचल तेज हो गई है. पुरिया नगर निगम का अगला महापौर कौन होगा इसको लेकर चुनावी जोड़-तोड़ का गणित भी शुरू हो चुका है. चुनावी जोड़-तोड़ की गणित में कोई हिंदुओं को सरताज बनाने का दावा कर रहे हैं तो कोई अल्पसंख्यकों को जीत का बादशाह बता रहे हैं. चुनावी गणित की जोड़-तोड़ में कौन अब्बल होगा और कौन फेल यह तो समय बताएगा. किंतु पूर्णिया नगर निगम के वर्तमान राजनीति परिदृश्य पर गौर किया जाए तो यहां कहीं ना कहीं अल्पसंख्यकों का पलड़ा भारी नजर आ रहा है. इसका मूल कारण है कि अल्पसंख्यक जाति से एक ऐसे व्यक्ति चुनावी मैदान में नजर आ रहे हैं जिनकी पहचान हमेशा से जाति और धर्म से ऊपर उठकर रही है. वह हमेशा धर्मनिरपेक्ष राजनीति के बदौलत समाज में अलग पहचान बनाने में अव्वल रहा है. वैसे तो वह पेशे से वकील हैं किंतु उनकी पहचान और पकड़ राजनीतिक क्षेत्र में भी अच्छी खासी है. उनकी पकड़ मुस्लिम समुदाय के बीच जितनी है उतना ही पकड़ उनकी हिंदू समुदाय के बीच भी है. वह अपनी मृदुभाषी सरल स्वभाव और न्याय प्रिय होने के कारण किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं और वह व्यक्ति हैं शाहिद राजा. पूर्णिया नगर निगम क्षेत्र के चुनावी मैदान मेयर प्रत्याशी शाहिद रजा का आना प्रतिद्वंद्वियों प्रत्याशियों की नींद उड़ा दी है. वैसे भी सामने वाले प्रत्याशियों की नींद उड़ना स्वभाविक है क्योंकि इनकी व्यक्तिगत छवि के कारण आज की तिथि में इनके समर्थन में पूर्णिया नगर निगम क्षेत्र की अधिकांश मतदाता गोल बंद हो चुकी है. अब देखना यह दिलचस्प होगा कि यह गोलबंदी चुनाव के अंतिम क्षण तक रहेगी या फिर इसमें किसी प्रकार की सेंधमारी भी होगी.

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