धर्मेंद्र कु लाठ/पूर्णिया ब्यूरो
अधिवक्ताओं की नवीन पहल, पहली बार मनाया शिक्षक दिवस
– स्कूल, काॅलेज से बाहर पहली बार अधिवक्ताओं के बीच शिक्षक दिवस का विस्तार
पूर्णिया । शिक्षक दिवस के अवसर पर पूर्णिया मुख्तार खाना के प्रांगण में पहली बार शिक्षक दिवस मनाकर एक नई परंपरा की शुरुआत की गई।
इस अवसर पर भारत के पूर्व राष्ट्रपति एवं शिक्षाविद डा सर्वपल्ली राधाकृष्णन के तैलचित्र पर पुष्प माला चढ़ाकर उनके प्रति अधिवक्ताओं द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की गई। अधिवक्ता में सबसे बुजुर्ग अधिवक्ता मोहम्मद बद्दीजमा जो वर्षों तक सरकारी पीपी रहे हैं उन्हें अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। संघ के अध्यक्ष अवधेश तिवारी को भी अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर पूर्णिया के वरिष्ठ अधिवक्ता दिलीप कुमार दीपक ने कहा कि स्कूल-कॉलेज में ही छात्रों को शिक्षा दान करने वाले केवल शिक्षक नहीं है बल्कि अधिवक्ताओं में भी जो अधिवक्ता अपनी जूनियर को शिक्षा दिया करते हैं एवं उनका मार्गदर्शन किया करते हैं जिंदगी भर खुद पढ़ते हैं और दूसरों को भी पढ़ाने का काम किया करते हैं वह भी शिक्षक से कम नहीं है। इसलिए अधिवक्ता भी शिक्षक दिवस मना रहे हैं। संघ के अध्यक्ष अवधेश तिवारी ने कहा कि आज मुख्तरखाना में अधिवक्ता दिलीप कुमार दीपक एवं गौतम वर्मा के पहल पर इस दिवस की शुरुआत की गई है। मुझे बहुत खुशी है और मैं आज यह घोषणा करता हूं कि अगले साल से इस दिवस को हम लोग बड़े पैमाने पर मनाने का काम करेंगे। गौतम वर्मा ने कहा कि हम लोगों ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत अधिवक्ताओं के बीच की है क्योंकि बहुत सारी अधिवक्ता महिलाएं भी हैं जो यहां प्रैक्टिस करती हैं और आज शिक्षक दिवस की शुरुआत कर एक नई परंपरा की शुरुआत कर रहे हैं। सुमन प्रकाश ने कहा कि शिक्षक दिवस पर केवल शिक्षक ही नहीं बल्कि बल्कि वैसे लोग भी जो समाज में शिक्षा देने का काम करते हैं और समाज को जागृत करते रहते हैं उनको भी सम्मानित होने का हकदार है। इस अवसर पर अधिवक्ता संजीव कुमार सिन्हा, राजकुमार झा, सुशील कुमार पप्पू, राजेश झा, सुशील चंद्र मिश्रा, आशुतोष झा, सुभाष पाठक, राजीव रंजन झा, मोहम्मद मुस्ताक, मोहम्मद जियाउल, मनोज झा, प्रवीण पासवान, सुशील चंद्र मिश्रा आदि ने भी कहा कि अब तक क्या देखा जाता रहा है की स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थानों में ही शिक्षक दिवस का कार्यक्रम का आयोजन होता रहा है और वही तक यह सीमित था किंतु आज उसका विस्तारीकरण अधिवक्ताओं के द्वारा किया गया जो एक नवीन और खुशी का पल है।