अनिश कुमार पूर्णिया संवाददाता
संघर्ष व जज्बा : धर्मेन्द्र कुमार लाठ ने पायी प्रखंड संवाददाता से प्रेस क्लब के कोषाध्यक्ष तक की मुकाम
– पत्रकारिता व समाजसेवा के क्षेत्र में बेहतर कार्य हेतु कुल 22 मंचों पर पा चुके हैं सम्मान
– धर्मेन्द्र कुमार लाठ के परिवार की तीन पीढी पत्रकारिता के क्षेत्र में रही है सक्रिय
पूर्णिया /संघर्ष और सफलता दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। जहां संघर्ष होता है वहां सफलता तय ही होती है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि संघर्ष ही सफलता के द्वार खोलती है।
धर्म और जाति से ऊपर उठकर निरंतरशील और संघर्षशील रहने वाला व्यक्ति ही इतिहास रचता है। धर्म और जाति दोनों प्रवृत्ति व्यक्तिगत हैं और समूचे जीवन को एक दायरे तक सीमित कर देती है। कुछ इसी तरह के संघर्षशील व्यक्ति की श्रेणी में आते हैं एक छोटे से प्रखंड स्तर से अपनी पत्रकारिता कैरियर की शुरुआत करने वाले धर्मेन्द्र कुमार लाठ। श्री लाठ अपनी ईमानदारी, कर्तव्यपरायणता और निरंतर संघर्षशीलता के बल पर आज पत्रकारिता के क्षेत्र में एक ऐसा मुकाम हासिल कर चुके हैं जिसकी कल्पना वे भी शायद अपने प्रारंभिक पत्रकारिता कैरियर में नहीं की थी। श्री लाठ आज न केवल कई अखबारों व न्यूज चैनलों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं बल्कि जिला स्तर पर प्रतिष्ठित अखबारों के चीफ ब्यूरो के रुप में अपनी कुशल सेवा भी दे रहे हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उन्होंने इस तरह की मुकाम हासिल कर ली है कि जिले के पत्रकारों के द्वारा हाल ही में संपन्न हुए पूर्णिया प्रेस क्लब के चुनाव में उन्हें बहुमत के आधार पर पूर्णिया प्रेस क्लब का कोषाध्यक्ष भी निर्वाचित किया जा चुका है। पत्रकारिता के साथ साथ समाजसेवा, जो उनका एक परम पेशा है, उसमें हमेशा अग्रणी पंक्ति में दिखते हैं। पत्रकारिता के साथ साथ समाजसेवा के क्षेत्र में बेहतर कार्य हेतु उन्हें अबतक कुल 22 प्रतिष्ठित मंचों पर सम्मानित भी किया जा चुका है। इसी तरह के सम्मान में उनके नाम के आगे एक और सम्मान तब जुड़ गया जब उन्हें उनके पत्रकारिता और समाजसेवा के क्षेत्र में बेहतर कार्य हेतु एक और प्रतिष्ठित मंच पर लेसी सिंह खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रो राजनाथ यादव कुलपति पूर्णिया विश्यविद्यालय और पूर्णिया नगर निगम की महापौर विभा कुमारी द्वारा सम्मानित किया गया।
महापौर ने श्री लाठ के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में उन्होंने जो मुकाम हासिल किया है वे उनके कार्यों में लगातार संघर्षशीलता और निष्पक्षता का ही परिणाम है। युवा पत्रकारों के लिए श्री लाठ का पूरा जीवन सही मायने में अनुकरणीय है। सम्मान पाने के बाद श्री लाठ ने कहा कि कभी भी पत्रकारिता धनार्जन का माध्यम नहीं हो सकता है। यह सच्चे अर्थों में समाजसेवा है और पत्रकारों को मिलने वाला सम्मान ही उनकी असली ताकत है। इस पेशे को जब जब धनार्जन का जरिया बनाने की कोशिश हुई पत्रकारिता में गिरावट नजर आई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में मीडिया जिन रास्तों पर चल रहा है वह बड़ा ही चुनौतीपूर्ण है।
बिरले माध्यम हैं जो पत्रकारिता के आदर्शों को कायम रख पाये हैं। हमें ऐसी विचारधारा को त्याग कर निष्पक्षता लाने की जरूरत है ताकि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया की महत्ता हमेशा बनी रहे।
2004 से ही पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी सेवा दे रहे हैं धर्मेन्द्र कुमार लाठ –
धर्मेंद्र कुमार लाठ वर्ष 2004 से ही पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी सेवा दे रहे हैं। कसबा जैसे छोटे जगह से उन्होंने प्रखंड संवाददाता के रुप में पत्रकारिता जगत में कदम रखा था। आज अपने बेहतरीन कार्य के बदौलत वे पत्रकारिता के क्षेत्र में एक अलग ही मुकाम हासिल कर लिए हैं। पूर्णिया प्रेस क्लब के चुनाव में उन्हें उनके कुशल नेतृत्व की वजह से कोषाध्यक्ष के पद पर निर्वाचित किया गया। जहां तक श्री लाठ के समाजसेवा संबंधी कार्यों की बात की जायें तो कोरोना काल में आर्थिक स्थिति से मजबूर लोगों की उन्होंने वृहत स्तर पर मदद की। कमजोर व निसहाय लोगों की विभिन्न तरीके से मदद करना उनका एक प्रमुख समाजसेवा संबंधी कार्य है।
जानकारी के अनुसार श्री लाठ के परिवार में ही पत्रकारिता का जुनून है। उनके परिवार की पिछली तीन पीढ़ी पत्रकारिता से जुड़ी रही है।
पत्रकारों की समस्या के लिए आवाज उठाने में वे सबसे आगे रहते हैं। श्री लाठ पत्रकारिता में अपना गुरु और आदर्श दीपक कुमार दीपू को मानते है जिनका मार्गदर्शन हमेशा उन्हें मिला है।