रिंकू मिर्धा कसबा ,पूर्णिया
पूर्णिया जिला के कसबा में पुराना संस्कृति अभी भी जिंदा ***कसबा में आज भी पूर्वजों का बनाया गया रिवाज को देख कर पूर्वजों की याद तो आती है उसके साथ आनंद भी मिलता है ,ये रिवाज देख कर कुछ नया करने को दिल चाहता है ,लोग पूर्वजों का सब इस डिजिटल युग में भूलते जा रहा है लेकिन कुछ ऐसे पल या पर्व है जो इतिहास बना है भुला नही जा सकता है , इसी कड़ी में कसबा के संस्कृति से आप को अवगत करा रहा हूं ,
देश में ये बातो का चर्चा है की कसबा में लक्ष्मी और सरस्वती का वास है जो सत्य है ,दीपावली के दिन घर के जितने बच्चे है उसे चीनी से बना खिलौना ,केला ,दही ,इसके आलावा अन्य पकवान के साथ चुमाया जाता है ,माता ,पिता के अलाबे ग्रामीण भी इस महोत्सव में सामिल होने के लिए बेचैन रहते है ,
फिल हाल जब गांव में घुमा तो ये नजारा देखने को मिला जो मैं फोटो के माध्यम से दर्शा रहा हूं