अवधेश कुमार *पूर्णिया/कसबा* – निपुण बिहार कार्यक्रम के तहत प्रखंड के पहली से पांचवीं तक के बच्चे आनंददायक माहौल में किट आधारित पढ़ाई करेंगे। इसकी शुरुआत प्रखंड के सरकारी प्रारंभिक स्कूलों में हो चुकी है। पहली से पांचवीं तक के बच्चों को पढ़ाई का किट उपलब्ध कराने का काम शुरू कर दिया गया है। बच्चों को एफएलएन (फाउंडेशन लिटरेसी एण्ड चार्ट पेपर) मैटेरियल के तहत स्कूल किट तथा पहली से तीसरी तक के बच्चों को चिल्ड्रेन किट उपलब्ध कराया जा रहा है। निपुण बिहार कार्यक्रम के तहत में पहली से पांचवीं तक के बच्चों की गुणवत्ता शिक्षा गुड़िया सहित शैक्षणिक खिलौने भी दिए जा रहे हैं। पहली से पांचवीं तक के बच्चों को किट उपलब्ध कराकर पढ़ाई को और आनंददायक कर दिए जाएंगे। किट की आपूर्ति दिल्ली की कंपनी टेलीकॉमिनिकेशन इंडिया लिमिटेड की ओर से की जा रही है। बता दें कि कीट के साथ बच्चे खेल-खेल में पढ़ाई कर पाएंगे। वहीं उनमें स्कूल जाने के प्रति ललक पैदा होगी। जिससे उन्हें काफी लाभ मिलेगा।इस प्रकार कराया जाता है संख्या ज्ञान एक बड़े राजा की बेटी, दो दिन से बीमार पड़ी, तीन संतरी दौड़े आए, चार दवा की पुड़िया लाए, पांच मिनट में घोल बनाए, छह घंटे बाद पिलाई, 7 दिनों में आंखें खुली, 8 दिनों में मां से बोली, नौवें दिन फिर दौड़ लगाई, दसवें दिन पाठशाला आई। बच्चों को इस प्रक्रिया के द्वारा पढ़ाने का उद्देश्य है पढ़ने का कौशल विकसित करना। बच्चों को बच्चों को संख्या का ज्ञान आसानी से हो जाता है।शब्दों का सही उच्चारण में निपुण होंगे, सिखेंगे बेहतर चित्र बनाना पहली से पांचवीं तक की कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों के मन में स्कूल जाने के प्रति एक छुपा हुआ डर होता है। इस डर को इस किट के माध्यम से दूर किया जा सकेगा। इसीलिए पहली से पांचवीं तक के बच्चों को किट आधारित खेल-खेल में शिक्षा देने पर जोर दिया जा रहा है। इससे जिले के प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे लाभान्वित होंगे। किट में कठपुतली चाक, स्लेट पेंसिल, गोंद आदि होगी और पाठ को आसानी से सामग्री दी जाती है। बच्चे किट से पढ़ाई करेंगे तो उनका जुड़ाव पढ़ाई से होगा। जिससे बच्चे अक्षर व संख्या ज्ञान के साथ ही अंक गणित शब्दों का सही उच्चारण आदि में निपुण होंगे। वे इस किट के जरिए रंगीन चार्ट पर पेंसिल से आकृति बनाना सीख रहे हैं।
*क्या कहते बीआरपी*
बीआरपी पंकज पाठक ने बताया कि एफएलएन की जानकारी मिली है।सभी इस कीट की वितरण की जाएगी।ताकि बच्चों को पठन-पाठन में दिक्कत नहीं होगी।बच्चे खेलकूद के साथ-साथ किट के माध्यम से पढ़ाई कर सकेगें।