धर्मेंद्र कुमार लाठ पूर्णिया ब्यूरो
शक्तिपीठ मां गुप्तकाली मंदिर में नौ दिवसीय शारदीय नवरात्र अनुष्ठान आरंभ
– अलग अलग राज्यों से यहां आते हैं भक्त, मां के दरबार में सभी भक्तों की हर मनोकामनाएं होती है पूरी
पूर्णिया/ कसबा । कसबा में लोक आस्था के प्रतीक बन चुके शक्तिपीठ मां गुप्तकाली मंदिर में नौ दिवसीय शारदीय नवरात्र अनुष्ठान का शुरुआत प्रखंड विकास पदाधिकारी अरूण कुमार सरदार, नगर परिषद मुख्य पार्षद कुमारी छाया, समाजसेवी गोपाल यादव, अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन जिला अध्यक्ष बमबम साह तथा मंदिर के संयोजक सह पुजारी भक्त शंकर पंडित के द्वारा संयुक्त रूप से अखंड दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। उक्त पवित्र स्थल पर सैकड़ो व्रतधारी महिलाओं को उपस्थिति थी। इस मौके पर प्रखंड विकास पदाधिकारी अरुण कुमार सरदार ने कहा कि नवरात्र हिंदू धर्मावलम्बियों का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। सनातनी परंपरा में नवरात्र का काफी ज्यादा महत्व है। उन्होंने कहा कि मां गुप्तकाली मंदिर में हर साल पूरे विधि विधान के साथ मंदिर कमेटी के सदस्यों की ओर से दुर्गापूजा का आयोजन किया जाता है। यह आयोजन यहां के स्थानीय लोगों को काफी खुशी देती है। उन्होंने सभी लोगों को नवरात्री की बधाई एवं शुभकामनाएं भी दिया। वहीं इस मौके पर अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन के जिला अध्यक्ष बमबम साह ने कहा कि गुप्त काली मंदिर मनोकामना पूर्ति के नाम पर काफी प्रसिद्ध है और श्रद्धालु के रूप में बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल तथा नेपाल के लोगो का भी आगमन होता रहता है। साथ ही इस मंदिर में दूर दराज के श्रद्धालु अपने सपरिवार के साथ दस दिनों तक मंदिर में ही रहकर व्रत करने आते है। उन्होंने कहा कि यहां दुर्गा पूजा को लेकर ख्यातिप्राप्त मूर्तिकारों प्रतिमाएं बनाई जाती है। उस प्रतिमा में बनारस के साज सज्जया से शुशोभित किए जाने की परंपरा है। नवरात्र समापन बाद दशमी तिथि को पूजा विसर्जन बाद प्रतिमाओं को दर्शनार्थ हेतु बाहर रखा जाता है। इसके बाद सैकड़ों श्रद्धालुओं के साथ शहनाई की धुन पर माता की विदाई करने की परंपरा राजकीय सम्मान के साथ चली आ रह है। उन्होंने कहा कि मां गुप्तकाली मंदिर में हर भक्तों की मनोकामना पूरी होति है।