धर्मेंद्र कु लाठ पुर्णिया ब्यूरो
महिलाओं को बराबरी का हक मिलने से ही समाज का विकास संभव : डीएम
– समाज सुधार अभियान के तहत लैंगिक संवेदीकरण पर कार्यशाला का आयोजन
पूर्णिया । समाज सुधार अभियान के तहत आर्ट गैलरी सह प्रेक्षा गृह, पूर्णिया में लैंगिक संवेदीकरण पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन जिलाधिकारी कुंदन कुमार द्वारा दीप प्रज्वलित कर विधिवत रूप से शुभारंभ किया गया। मौके पर उप विकास आयुक्त पूर्णिया सहिला, वरीय उप समाहर्ता डैजी कुमारी, डी पी एम तरुण कुमार, महिला तथा बाल विकास निगम, पटना के प्रशिक्षण अधिकारी रश्मी रंजन, सेंटर फॉर केटालायजिंग चेंज के प्रशिक्षिका अनामिका प्रियदर्शी, जिला निबंधन सह परामर्श केंद्र के सहायक प्रबंधक एवं संबंधित पदाधिकारी मौजूद थे। इस कार्यक्रम में जिले के विभिन्न प्रखंडों से 200 से अधिक जीविका दीदियों ने भाग लिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप विकास आयुक्त ने कहा कि लैंगिक समानता की शुरुआत अपने परिवार तथा अपने घर से होती है। उन्होनें कहा कि आज जरूरत इस बात की है कि हम जन्म के आधार पर लड़का और लड़की में भेद न करे। ऐसा कोई भी काम नहीं है जो लड़की नहीं कर सकती बस जरूरत है उसे सामान अवसर प्रदान करने की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित जिलाधिकारी पूर्णिया द्वारा कहा कि आज आप सभी जीविका दीदियों को इस मंच पर देखना एक बात का प्रतीक है कि समाज में समानता का भाव आ रहा है। सबसे पहले बिहार सरकार द्वारा पंचायती राज अधिनियम के तहत सभी कोटी में एकल पद सहित सभी पदों पर महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत पद आरक्षित किया गया है जो पूरे देश में एक उदहारण प्रस्तुत किया है। उन्होनें कहा कि किसी भी समाज को अगर बड़े स्तर पर आगे बढ़ना है तो जल्दी ही इसे समझना पड़ेगा कि आधी आबादी को उसका बराबरी का हक दिए ये संभव नहीं है।
हमलोग उस संस्कृति के हैं जहां नारी की पूजा की जाती है और देवता का निवास भी वहीं होता है। लेकिन ये घरेलू हिंसा फिर कहां से आती है। हमारी संस्कृति में हम सभी को मिलकर हमारे समाज में व्याप्त इस विसंगति को जड़ से समाप्त करना होगा। उन्होनें कहा कि महिलाओं के प्रति भेदभाव और हिंसा की शुरुआत उसके जन्म से पहले ही गर्भावस्था के दौरान ही होती है। भ्रूण हत्या इसका उदहारण है। हम सभी को मिलकर इसे रोकना होगा। कानून का सख्ती से पालन कर हमलोग इस विसंगती को समाज से दूर करना चाहते हैं। आज हमारा चंद्रयान चांद तक पहुंच गया इस मिशन में भी एक महिला की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है।जरूरत है हमें अपनी सोच को बदलने की। उन्होनें कहा कि आप सभी जीविका दीदियों ने मिलकर जो सामाजिक क्रांति लाया है वो बहुत प्रशंसनीय है। आपके बदलाव की बयार न केवल राज्य, देश बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चल रही है आपकी जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है। आपको यह शपथ लेना ही होगा कि आज भी हमारे समाज में बाल विवाह, बाल मजदूरी, दहेज प्रथा जैसी जो कुरीतियां व्याप्त हैं। जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक तरुण कुमार ने कहा कि जीविका अपने आरम्भ से ही महिला सशक्तीकरण पर बहुत मजबूती से कार्य कलर रही है। आज से 15 वर्ष पूर्व ऐसी स्थिति नहीं थी। इस बीच कार्यशाला में जीविका दीदियों द्वारा भी अपना अनुभव साझा किया गया। बाल विवाह तथा शराब बंदी पर उनके द्वारा की गई महत्वपूर्ण पहल को सबके सामने प्रस्तुत किया गया। मंच का संचालन अलका प्रकाश द्वारा किया गया।