धर्मेंद्र कु लाठ पूर्णिया ब्यूरो
सरकार शिक्षा सेवकों के साथ कर रही सौतेला व्यवहार : मो फारुक आलम
– सरकार से निरीक्षण कार्य हेतु शिक्षा सेवकों को यात्रा भत्ता देने की किया मांग
पूर्णिया । तालीमी मरकज संघ के जिला अध्यक्ष मोहम्मद फारूक आलम ने एक बयान जारी कर कहा है कि शिक्षा सेवक के कडी मेहनत और अथक प्रयास का ही नतीजा है कि विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति आज 50 से 75 प्रतिशत हो गई है लेकिन फिर भी सरकार एवं विभाग शिक्षा सेवक के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है।
कमर तोड़ महंगाई के दिनों में अल्प मानदेय देकर रोजाना शिक्षा सेवक से उनके मूल कार्य से अलग हटकर स्कूल निरीक्षण करवाना एवं सभी शिक्षा सेवक को रोजाना अपने प्रखंड के बीआरसी में निरीक्षण रिपोर्ट एवं अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने के लिए बोलना बिल्कुल भी सही नहीं है। उनलोगों को इस कार्य के लिए अलग से कोई यात्रा भत्ता भी नहीं मिलता है। जिससे शिक्षा सेवक का आर्थिक शारीरिक एवं मानसिक शोषण हो रहा है। उन्होंने कहा कि आज बिहार के स्कूलों में लगातार बच्चों की संख्या में वृद्धि हो रही है। बच्चों को शिक्षा से जोड़ने और स्कूल तक लाने में शिक्षक सेवकों का एक महत्वपूर्ण रोल है लेकिन सरकार न तो इसके लिए शिक्षक सेवकों को कोई क्रेडिट दे रही है बल्कि उनलोगों को शिक्षा संबंधी कार्यों से हटाकर लगातार निरीक्षण हेतु भेज रही है। सरकार की तरफ से इस कार्य हेतु अलग से कोई भुगतान भी नहीं किया जा रहा है। जिला अध्यक्ष ने निरीक्षण कार्य के लिए यात्रा भत्ता का मांग किया है ताकि उनलोगों को इससे कुछ हद तक सहूलियत मिल सके। साथ ही उन्होंने इस तरह के कार्यों से शिक्षक सेवकों को मुक्त करने की मांग भी किया है ताकि वे लोग अपने मूल कार्य की ओर अपना पूरा ध्यान लगा सके और शिक्षा व्यवस्था की मजबूती में अपना शत फीसदी योगदान दे सके।