धर्मेंद्र कुमार लाठ/,जुबेर आलम पुर्णिया
भारी बारिश के कारण लोगों का जनजीवन ठप, निचले इलाके में घुसा पानी
– जलनिकासी की व्यवस्था के अभाव में स्थिति नारकीय, घरों में घुसा पानी
पूर्णिया । मानसून की सक्रियता के साथ बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र ने मौसम का रूख पूरी तरह से बदल दिया है। पूर्णिया में पिछले सोमवार से से ही बारिश का जो दौर शुरू हुआ है वह मंगलवार को दिन भर जारी रहा। झमाझम बारिश पूरे दिन चलती रही। बिना ब्रेक लिए हुई बरसात ने शहर से गांव तक आफत खड़ी कर दी है।
भारी बारिश से जनजीवन ठप हो गया है। दैनिक कार्यों के लिए निकलने वाले लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। ऑफिस में कर्मी, स्कूलों में बच्चों व शिक्षकों की उपस्थिति भी लगातार बारिश की वजह से प्रभावित हुई। समाहरणालय में भी लोगों की आवाजाही नहीं के बराबर रही। बारिश का असर बाजार पर भी पड़ा है। गुलजार रहने वाला बाजार भी लगातार बारिश से सुनसान हो गया। शहर के भट्ठा बाजार, विकास बाजार, बहुमंजिला बाजार, मधुबनी, लाइनबाजार आदि मुख्य मार्केट में भीड़ नहीं के बराबर था। दुकान खोलकर व्यापारी ग्राहकों का इंतजार करते रहे लेकिन इक्के-दुक्के लोग ही मार्केट पहुंचे। भारी बारिश के कारण शहर के निचले इलाकों में पानी जमा हो गया है। पूर्णिया सिटी एवं खुश्कीबाग इलाके में पानी लोगों के घरों में घुस गया है। शहर का पाश इलाका माने जाने वाला नवरतन हाता का भी यही हाल है। वहां भी सभी गलियों की सड़कों पर पानी जमा है तथा कई घरों में पानी घुस गया है। लोगों का घर के बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। खुश्कीबाग में सौरा नदी के किनारे बसे लोगों की स्थिति अधिक खराब है। वहां जलजमाव से बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं। नगर के शारदा नगर, बाड़ीहाट, खीरू चौक, भट्ठा बाजार, मधुबनी, मझली चौक, बसंत विहार आदि इलाके में भारी जलजमाव के कारण लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है। लोगों ने बताया कि यहां जल निकासी की व्यवस्था नहीं रहने से अक्सर परेशानी झेलनी पड़ती है। हालात यह है कि एक बार जलजमाव हो जाने पर इसे निकलने में हफ्ता लग जाता है। ऐसे में अब उन्हें कुछ दिनों तक घरों से निकलने में मशक्कत करनी होगी। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक अभी लगातार बारिश की संभावना बनी हुई है। ऐसे में लोगों की परेशानी और बढ़ सकती है। खासकर गरीब दैनिक मजदूर काफी परेशान हैं।