अवधेश कुमार कसबा
हाईकोर्ट के निर्देश के बाद नगर निकाय चुनाव स्थगित होने से प्रत्याशियों के मंसूबे पर पानी फिर गया। महज 6 दिन पहले हाई कोर्ट से आए निर्देश के बाद चुनाव आयोग ने पत्र जारी करते हुए अगले आदेश तक नगर निकाय चुनाव को स्थगित करने का फैसला लिया है। फैसले ने कई प्रत्याशियों की कमर तोड़ दी है, तो वहीं कई प्रत्याशी की बल्ले-बल्ले भी हुई है। क्योंकि जो अंतिम समय में नगर निकाय चुनाव के लिए अपना नामांकन किए थे उनको प्रचार-प्रसार के लिए समय अवधि कम मिलने से वह अपने आप को बहुत असहज महसूस कर रहे थे। लेकिन जैसे ही उनके द्वारा सुना गया कि नगर निकाय चुनाव अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। उनको भारी खुशी हुई। अब उनको भरपूर समय अपने चुनाव प्रचार के लिए जमीन तैयार करने को मिल गया वहीं कई प्रत्याशी का बने बनाया वोट भी चुनाव की तिथि बढ़ने से इधर से उधर हो गया है। चुनाव चिन्ह मिलते ही हजारों लाखों रुपए खर्च कर पोस्टर बैनर पंपलेट छपवाकर पिछले 10 दिनों से अपना जनसंपर्क अभियान चला रहे थे। हर प्रत्याशी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते थे। लेकिन मंगलवार की दोपहर हाई कोर्ट द्वारा अति पिछड़ा पिछड़ा वर्ग के बगैर ट्रिपल टेस्ट के आरक्षण देने को लेकर बिहार में 10 अक्टूबर एवं 20 अक्टूबर को होने वाले निकाय चुनाव पर रोक लगा दिया गया। जिससे निकाय चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को मनसूबे पर पानी फिर गया। सबसे ज्यादा झटका वैसे प्रत्याशी को लगा हैं जो की वोट की उम्मीद में पानी की तरह रुपया बहा रहे थे।
चुनाव की तिथियां स्थगित होने के बाद नगर निकाय के प्रत्याशियों ने क्षेत्र का दौरा कम कर दिया है। वही मतदाताओं में भी सुस्ती आ गई है। कई प्रत्याशियों ने नगर निकाय चुनाव के दौरान कई वादे जनता से किए थे लेकिन चुनावों स्थगन के बाद क्षेत्र का दौरा काम करने से मतदाताओं नया सवाल भी उठाना शुरू कर दिया है कि जब क्षेत्र का दौरा कम कर दिया तो यह चुनाव में वादे क्या पूरा कर पाएंगे कई जगह या चर्चा का विषय बना हुआ है। बाहर हाल चुनाव चाहे जब हो लेकिन प्रत्याशियों को अब वोटर को अपने पक्ष में करने के लिए काफी जोर लगाने पड़ेंगे। हाईकोर्ट के आदेश के बाद जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने पत्र जारी कर स्थगन की जानकारी दी।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद आयोग ने लिया फैसला
बताते चलें कि निर्वाचन आयोग ने बिहार नगर पालिका चुनाव बगैरा ट्रिपल टेस्ट के पिछड़ा वर्ग को 20% आरक्षण दिया गया था और इसे सुनील कुमार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर की गई थी। मंगलवार को पटना हाईकोर्ट ने अति पिछड़ा के 20% सीटों को सामान्य श्रेणी में कर फिर से नोटिफिकेशन जारी किया जाए। साथी हाई कोर्ट ने कहा था कि अगर आप चुनाव की तिथि बढ़ाना चाहते हैं तो बढ़ा सकते हैं। पटना हाईकोर्ट के फैसले के बाद निर्वाचन आयोग ने 10 अक्टूबर को होने वाले चुनाव को स्थगित कर दिया।