शरद कुमार धर्मेंद्र कुमार लाठ/पूर्णिया राज्य कृषि विश्वविद्यालयों में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू करने की मांग हुई तेज़ एआईसीसी सदस्य इन्तेखाब आलम ने भी पीएम को लिखा पत्र।
दिल्ली – ऑल इंडिया ओबीसी स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने भारत सरकार के कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को ज्ञापन के माध्यम से कृषि विश्वविद्यालयों में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू करने की मांग की है.इसी कड़ी में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य व माननीय सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता इन्तेखाब आलम ने भी ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन की मांगों का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कृषि विश्वविद्यालयों में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि ने ज्ञापन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संबोधित करते हुए बताया कि इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च की ऑल इंडिया एंट्रेंस एग्जाम के द्वारा कृषि और संबद्ध (युजी/पीजी/पीएचडी) पाठ्यक्रमों मे राज्य कृषि विश्वविद्यालयों की यूजी की 15% एवं पीजी और पीएचडी की 25% सीटे ऑल इंडिया कोटा से भरी जाती है.राज्य कृषि विश्वविद्यालय के ऑल इंडिया कोटा से भरी जाने वाली सीटो मे 27% OBC आरक्षण लागू नहीं है.जबकि केंद्रीय और राज्य कृषि शिक्षण संस्थानों में ऑल इंडिया कोटे के तहत एससी और एसटी उम्मीदवारों के लिए क्रमश 15% और 7.5% सीटें आरक्षित है हालांकि ओबीसी उम्मीदवार के लिए आरक्षण केवल केंद्रीय कृषि संस्थान तक ही सीमित हैं.ओबीसी आरक्षण लागू नही होने के वजह से लगभग 600(यूजी) , 569(पीजी) और 209(पीएचडी) ओबीसी सीटे प्रत्येक वर्ष अनारक्षित कोटे में चली जा रही है जिसके वजह से ओबीसी छात्रों को प्रत्येक वर्ष लगभग 27% ओबीसी सीटों का नुकसान हो रहा है.जिसके परिणाम स्वरूप कृषि विश्वविद्यालयों ओबीसी छात्रों के नामांकन के अवसर लगातार कम होते जा रहे है.हाल ही में भारत सरकार के द्वारा यूजी और पीजी मेडिकल एवं दंत पाठ्यक्रम मे राज्य के मेडिकल कॉलेजों में ऑल इंडिया कोटा के तहत भरी जाने वाली सीटो पर ओबीसी के लिए 27% आरक्षण लागू करके एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है.इससे देशभर के ओबीसी छात्र अब इसका लाभ ले सकेंगे. ओबीसी छात्रों का कहना है कि जब ओबीसी आरक्षण मेडिकल कोर्सेज मे लागू किया गया तो उसी समय कृषि शिक्षा में इसे क्यों नही लागू किया गया.इससे पता चलता है कि भारत सरकार कृषि शिक्षा पर बिल्कुल ध्यान नही दे रही है लगातार ओबीसी छात्रों की भारत सरकार से माँग रही है कि समानता और सामाजिक न्याय स्थापित करने के लिए केंद्रीय और राज्य कृषि शिक्षण संस्थानों मे ऑल इंडिया कोटा से भरी जाने वाली सीटो पर जल्द से जल्द 27% ओबीसी आरक्षण (चिकित्सा और दंत चिकित्सा पाठ्यक्रमों के समान आरक्षण नीति) लागू किया जाय. जिससे सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग के छात्रों को कृषि क्षेत्र मे शिक्षा लेने और आगे बढ़ने का पर्याप्त अवसर मिल सके.