पूर्णिया/संवाददाता जाति और धर्म से ऊपर उठकर बिनोद लाठ की है पहचान
जनता हो रहे हैं गोलबंद
पूर्णिय में कसबा नगर परिषद चुनाव कि तिथि निर्धारित होते ही कसबा नगर परिषद क्षेत्र में सियासी हलचल तेज हो गई है. कसबा नगर परिषद का अगला अध्यक्ष कौन होगा इसको लेकर चुनावी जोड़-तोड़ का गणित भी शुरू हो चुका है. चुनावी जोड़-तोड़ की गणित में कोई हिंदुओं को सरताज बनाने का दावा कर रहे हैं तो कोई अल्पसंख्यकों को जीत का बादशाह बता रहे हैं. चुनावी गणित की जोड़-तोड़ में कौन अब्बल होगा और कौन फेल यह तो समय बताएगा. किंतु कसबा नगर परिषद के वर्तमान राजनीति परिदृश्य पर गौर किया जाए तो यहां कहीं ना कहीं युवा का पलड़ा भारी नजर आ रहा है. इसका मूल कारण है कि युवा से एक ऐसे व्यक्ति चुनावी मैदान में नजर आ रहे हैं जिनकी पहचान हमेशा से जाति और धर्म से ऊपर उठकर रही है. वह हमेशा धर्मनिरपेक्ष राजनीति के बदौलत समाज में अलग पहचान बनाने में अव्वल रहा है. और उनकी पहचान और पकड़ राजनीतिक क्षेत्र में भी अच्छी खासी है.और उतना ही पकड़ उनकी हिंदू समुदाय के बीच भी है. वे हिंदू के नेता भी है वह अपनी मृदुभाषी सरल स्वभाव और न्याय प्रिय होने के कारण किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं और वह व्यक्ति हैं बिनोद लाठ. कसबा नगर परिषद क्षेत्र के चुनावी मैदान अध्यक्ष प्रत्याशी बिनोद लाठ का आना प्रतिद्वंद्वियों प्रत्याशियों की नींद उड़ा दी है. वैसे भी सामने वाले प्रत्याशियों की नींद उड़ना स्वभाविक है क्योंकि इनकी व्यक्तिगत छवि के कारण आज की तिथि में इनके समर्थन में कसबा नगर परिषद क्षेत्र की अधिकांश मतदाता गोल बंद हो चुकी है. अब देखना यह दिलचस्प होगा कि यह गोलबंदी चुनाव के अंतिम क्षण तक रहेगी या फिर इसमें किसी प्रकार की सेंधमारी भी होगी.