जीत कार्यक्रम के तहत पूर्णिया ज़िले में “मेडिकेशन इवेंट एंड मॉनिटर रिमाइंडर” (मर्म) बॉक्स का पायलट प्रोजेक्ट रहा कारगर:
अमन कुमार साह/ पूर्णिया
पूर्णिया जिला में 11 सितंबर राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में जीत कार्यक्रम भी शामिल हैं। जिला यक्ष्मा कार्यालय में क्लिंटन हेल्थ एक्सेस इनिसिएटिव के राज्य प्रमुख गौतम कुमार, वरीय अधिकारी अमृत सिद्धू, डीसी रंजीत कुमार, सूरज कुमार, मुकेश कुमार सहित कई अन्य लोगों ने जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ मोहम्मद साबिर से जीत कार्यक्रम एवं वर्ल्ड विजन की ओर से ज़िले में चलाए जा रहे पायलट प्रोजेक्ट (मर्म) की समीक्षा की। इस मौके पर जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ मोहम्मद साबिर ने बताया कि डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन ट्रीटमेंट शॉर्ट फॉर्म (डॉट्स) मतलब होता है, दवा खिलाने वाले स्वास्थ्य कर्मी प्रत्यक्ष रूप से मरीज़ों को दवा खिलाने का काम करते हैं। सामान्य टीबी रोगी समय पर दवा खायें, इसके लिए ज़िले के सभी पीएचसी पर इसकी सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध हैं।वही इस कार्यक्रम मे क्लिंटन हेल्थ एक्सेस इनिसिएटिव के राज्य प्रमुख गौतम कुमार ने बताया कि “मेडिकेशन इवेंट एंड मॉनिटर रिमाइंडर” (मर्म) बॉक्स एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है। इसका मुख्य उद्देश्य यक्ष्मा के मरीज़ों का सफलतापूर्वक इलाज कराया जाना है। इस बॉक्स में यक्ष्मा की दवाई रखी जाती है। इसमें तीन अलग-अलग प्रकार की लाइट जलती है। हरी लाइट मरीज को यह याद दिलाता है कि प्रत्येक दिन आपको दवा खाने का समय आ गया है। आप बॉक्स खोलें और दवा ले लें और उसके बाद बॉक्स को बंद कर दें। बॉक्स बंद करने के बाद डिजिटल रिकॉर्ड में सेव हो जाता है कि मरीज ने आज की दवा खा ली। पीला लाइट यह दर्शाता है कि आपकी दवा खत्म होने वाली है, जल्द ही आप अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर दवा लेकर बॉक्स में पुनः रख दें। लाल बत्ती यह दर्शाता है कि मर्म बॉक्स की बैट्री खत्म होने वाली है। बॉक्स के साथ दी गई चार्जर से अपने मर्म बॉक्स को चार्ज कर लें ताकि आपका इलेक्ट्रॉनिक उपकरण सुरक्षित रहे।जिला समन्वयक रंजीत कुमार ने बताया कि बेहतर कार्य करने वाले टीपीटीसी समन्वयक को जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ मोहम्मद साबिर द्वारा प्रथम, कुमार पासवान, द्वितीय एवं प्रदीप कुमार तथा तृतीय स्थान पर रहने वाले अरविंद पासवान को मैडल पहनाकर सम्मानित किया गया।